Thursday 10 May 2018

‘आता’: हिन्दी विभाग (राजीव गाँधी विश्वविद्यालय) की वार्षिक विद्यार्थी पत्रिका का आवरण-चित्र

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अरुणाचली ज़बान में ‘आता’ मतलब बड़ी बहन
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विद्यार्थियों के साथ मिलकर काम करने में सुख अलग है। अलहदा आनंद। हमने ‘आता’ को इसी तरह काम करने के लिए चुना। इसमें खपे। लट हुए और आखि़रकार ‘आता’ अपने अंतिम स्वरूप में सामने प्रकट हो ली है। इससे और बेहतर हो सकता था। हम करते भी। लेकिन समय के अभाव और परीक्षा के अत्यंत निकट आ जाने के कारण इस पत्रिका की हस्तलिखित योजना धरी की धरी रह गई। खै़र, जो है वह सामने है। इस पत्रिका को सामने देखकर मैं अभिभूत हूँ। प्रधान सम्पादक जमुना बीनी तादर और संपादक तुनुङ ताबिङ का हृदय से आभारी हूँ जिन्होंने ‘आता’ के लिए भरपूर प्रयास किए हैं। 


फ़िलहाल, विद्यार्थियों की वार्षिक पत्रिका ‘आता’ के सम्पादन-कार्य से जुड़े सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई।

शुक्रिया सभी को!

भवदीय
राजीव रंजन प्रसाद
हिन्दी विभाग, राजीव गाँधी विश्वविद्यालय


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