Saturday 30 September 2017

परदेसी जान और देसी मिज़ाज के फिल्म अभिनेता टाॅम आॅल्टर का निधन

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भारतीय फ़िल्म एवं टेलीविज़न संस्थान से प्रशिक्षित बाॅलीवुड अभिनेता टाॅम आॅल्टर का बीती रात निधन हो गया। टाॅम के नाम संग ढेरों उपलब्धियाँ जुड़ी हुई हैंटाॅम आॅल्टर भारतीय फ़िल्म जगत के लोकप्रिय अमेरिकी मूल के अभिनेता थे। टॉम आल्‍टर का जन्‍म  22 जून 1950 में मसूरी में हुआ था। उनके परिवार में पत्नी कैरोल इवांश बेटा जेमी और बेटी अफशां है। भारत सरकार ने 2008 में कला और सिनेमा के क्षेत्र में पद्मश्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया था।
उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। कई टेलीविजन शो किये। वर्ष1990 में उनका टीवी शो गैंगस्टर केशव कलसी काफी हिट हुआ था। आल्टर का यह शो पांच साल तक प्रसारित हुआ था। इस धारावाहिक को दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया गया। उन्होंने अपने जीवन में कुछ वर्षों तक खेल पत्रकारिता भी की। तीन किताबें भी लिखी जिसमें एक नॉन फिक्शन और दो फिक्शन किताबें शामिल हैं। भारत में अमेरिका की तीसरी पीढ़ी के अभिनेता टॉम ऑल्टर वुडस्टॉक विद्यालय में पढ़ाई के बाद 1970 में येल विश्वविद्यालय पढाई के लिए गये और बाद में भारत लौटकर भारत में फिल्म और नाट्य जगत में अपनी नयी पारी शुरू की। टॉम ने साल 1972-74 में पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) से एक्टिंग की पढ़ाई की। 1974 में ग्रैजुएशन के दौरान उन्हें गोल्ड मेडल मिला था। एफटीआईआई में रहते हुए टॉम ने नसीरउद्दीन शाह और बेंजामिन गिलानी के साथ थियेटर के लिए एक कंपनी 'मोटली' बनाई। मिर्जा गालिब और मौलाना अबुल कलाम आजाद पर बने नाटकों में टॉम की सोलो परफॉर्मेंस यादगार हैं।

अपने बेहतरीन अभिनय से लोगों का दिल जीत लेने वाले टॉम उन गिने-चुने अदाकारों में से थे जो भारत में शुरुआती दौर में विदेश से आए थे। सिर्फ टीवी और फिल्मों में ही नहीं, थियेटर में भी लंबे समय तक काम किया है। एक समय में वह स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी रहे। हिंदी सिनेमा के काफी मशहूर अदाकार रहे टॉम ने तकरीबन 45 से अधिक फिल्मों में काम किया है। आपको उनकी तस्वीर देखकर याद गया होगा कि वे हिंदी सिनेमा में विदेशी किरदारों की भूमिका निभाते आए हैं। उन्होंने आशिकी, भेजा फ्राई और गांधी जैसी यादगार नई और पुरानी फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ी है। वह उन गिने-चुने विदेशी अभिनेताओं में से एक थे, जिनकी अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी और उर्दू पर भी उनकी बेहतरीन पकड़ थी। हिंदी और उर्दू पर उनकी ऐसी पकड़ थी कि अगर उनकी शक्ल नज़र ना रही हो तो बताना मुश्किल था कि कोई गैर भारतीय ये भाषाएं बोल रहा है।
टॉम ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1976 में आई धमेंद्र की फिल्मचरस’ से की। फिल्म में वह चीफ कस्टम ऑफिसर के किरदार में नजर आये थे। फिल्मों की तरफ टॉम का रूझानअराधना’ फिल्म से आया था। फिल्म में राजेश खन्ना और शर्मिला टेगौर के अभिनय से टॉम बहुत अधिक प्रभावित हुए। इंस्पेक्टर मार्टिन और मि. एंडरसन के लोकप्रिय चपित्र में उनका उम्दा अभिनय देखते ही बना। बाद की कई और फ़िल्में हैं जिनमें उनके अभिनय का लोहा भारतीय दर्शकों ने खूब माना। नौकरी (1978), शर्त (1986), देस-परदेस (1978), वीर जारा, आशिकी, गांधी, भेजा फ्राई,  सरदार, शतरंज के खिलाड़ी,  रंग रसिया,  हम किसी से कम नहीं,  मंगल पांडे और कर्मावो आजकल अपनी आने वाली शॉर्ट फिल्म ब्लैक कैटके प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे।
एक इंटरव्यू में टॉम ने कहा था कि उन्हें हिन्दी, अंग्रेज़ी और ऊर्दू से बहुत लगाव है मिर्ज़ा ग़ालिब के शेर और मैथलीशरण गुप्त की रचनायें उन्हें बहुत पसंद हैंटॉम ऑल्टर लास्ट स्टेज. ‘वो शक्तिमान’, ‘ज़बान संभाल केजैसे धारावाहिकों में भी नज़र आए हैंटॉम ऑल्टर एक फ़िल्म डायरेक्ट करने वाले थे, जिसे फ़िलहाल के लिए होल्ड पर रखा गया है. पिछले साल, मशहूर गायक, के.एल.सहगल पर बने नाटक में अभिनय करते वक़्त भी उनकी तबियत ख़राब हो गई थीमिर्ज़ा ग़ालिब के अलावा भी कई नाटकों, जैसे कि The Old Man and the Sea, मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद के लिए भी उन्हें अकसर याद किया जाता है
इसके अलावा उन्होंने कई टी वी शो में एक्टिंग भी की। उन्होंने हिंदी सिनेमा ही नहीं, कन्नड़, मलयालम, बांग्ला, गुजराती, मराठी और अंग्रेजी फिल्मों में भी अभिनय किया है। दूरदर्शन के मशहूर शो शक्तिमान सीरियल में भी उन्होंने महागुरु की खास भूमिका अदा की थी। खास बात ये है कि किसी जमाने में टॉम खेल पत्रकारिता से भी जुड़े थे। टीवी पर सचिन तेंदुलकर का इंटरव्यू लेने वाले वह पहले शख्स थे।
दुनिया को अलविदा कह गए टॉम अपनी अदाकारी की ऐसी छाप छोड़ गए हैं कि हिंदी सिनेमा के इतिहास में वे सदा के लिए अमर रहेंगे। टॉम ऑल्टर के निधन पर महेश भट्ट से लेकर रामचंद्र गुहार तक फिल्म और खेल जगत की जानी-मानी हस्तियों ने शोक जताया है।
टॉम का करियर
- 1976
से 2017 लेकर टॉम ने कई फिल्मों और टीवी सीरियल्स में काम किया।
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उनकी मशहूर फिल्मों में गांधी, शतरंज के खिलाड़ी, क्रांति, राम तेरी गंगा मैली, आशिकी, सरदार और परिंदा हैं।
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उन्होंने भारत एक खोज, जबान संभाल के, बेताल पचीसी, शक्तिमान और कैप्टन व्योम जैसे टीवी शोज में भी काम किया। महेश भट्ट के सीरियल स्वाभिमान में उनके केशव कलसी के किरदार को काफी सराहा गया। टॉम लगातार नाटकों में भी काम करते रहे।
- 2008
में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया।

पर्सनल लाइफ
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अमेरिकन मूल के टॉम 22 जून, 1950 को मसूरी (तब उत्तर प्रदेश) में पैदा हुए थे।
- 1976
में उनकी पहली फिल्म चरस थी। 1977 में उन्होंने कैरोल इवान्स से शादी की। उनके एक बेटा जैमी और एक बेटी अफशां हैं।
- टॉम क्रिकेट के भी बड़े फैन थे। उन्होंने 10 साल न्यूज पेपर्स में वे क्रिकेट से जुड़े कई आर्टिकल्स भी लिखे।

- वे जर्नलिस्ट भी रहे। 1988 में पहली बार टॉम ने ही सचिन तेंदुलकर का टीवी इंटरव्यू लिया।

(स्रोत: विभिन्न समाचार-पत्रों से साभार)