Thursday 22 December 2016

ऊँचाई


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धरती को बौनों की नहीं
ऊँचे कद के इन्सानों की जरूरत है।
इतने ऊँचे कि आसमान को छू लें,
नए नक्षत्रों में प्रतिभा के बीज बो लें।

किन्तु इतने ऊँचे भी नहीं
कि पाँव तले दूब ही न जमे,
कोई काँटा न चुभे,
कोई कली न खिले।

न वसंत हो न पतझड़
हो सिर्फ ऊँचाई का अंधड़,
मात्र अकेलेपन का सन्नाटा।

मेरे प्रभु!
मुझे इतनी ऊँचाई कभी मत देना
गैरों को गले न लगा सकूँ,
इतनी रुखाई कभी मत देना।
                    - अटल बिहारी वाजपेयी

समाज-विज्ञान विश्वकोश

Thursday 15 December 2016

स्मिता पाटिल: बड़े परदे की बड़ी जादूगरनी

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 https://hi.wikipedia.org/wiki/स्मिता_पाटिल और दैनिक पूर्वोदय/13 दिसम्बर


स्मिता पाटिल :
 17 अक्तूबर, 1955 - 13 दिसम्बर, 1986/मुंबई, महाराष्ट्र
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स्मिता पाटिल हिंदी फिल्मों की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। उन्होंने अपने सशक्त अभिनय से समानांतर सिनेमा के साथ-साथ व्यावसायिक फिल्मों सिनेमा में भी खास पहचान बनाई थीं। उत्कृष्ट अभिनय से सजी उनकी फिल्में भूमिका’, ‘मंथन’, ‘चक्र’, ‘शक्ति;, ‘निशांतऔर नमक हलालआज भी दर्शकों के दिलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ती हैं। भारतीय सिनेमा में उनके अमूल्य योगदान के लिए उन्हें दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। हिंदी फिल्मों के अलावा स्मिता पाटिल ने मराठी, गुजराती, तेलुगू, बांग्ला, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों में भी अपनी खास पहचान बनाई थी।

भारतीय संदर्भ में स्मिता पाटिल एक सक्रिय नारीवादी होने के अतिरिक्त मुंबई के महिला केंद्र की सदस्य भी थीं। वे महिलाओं के मुद्दों पर पूरी तरह से वचनबद्ध थीं और इसके साथ ही उन्होने उन फिल्मो मे काम करने को प्राथमिकता दी जो परंपरागत भारतीय समाज मे शहरी मध्यवर्ग की महिलाओं की प्रगति उनकी कामुकता तथा सामाजिक परिवर्तन का सामना कर रही महिलाओं के सपनों की अभिवयक्ति कर सकें।
पुणे में जन्मी स्मिता के पिता शिवाजीराव पाटिल महाराष्ट्र सरकार मे मंत्री और माता एक सामाजिक कार्यकर्ता थीं। उनकी आरंभिक शिक्षा मराठी माध्यम के एक स्कूल से हुई थी उनका कैमरे से पहला सामना टीवी समाचार वाचक के रूप हुआ था। हमेशा से थोडी़ विद्रोही रही स्मिता की बडी़ आंखों और सांवले सौंदर्य ने पहली नज़र मे ही सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया कालांतर मे स्मिता पाटिल के प्रेम संबंध राज बब्बर से हो गये जिनकी परिणिति अंतंतः विवाह मे हुई। राज बब्बर जो पहले से ही विवाहित थे और उन्होने स्मिता से शादी करने के लिये अपनी पहली पत्नी को छोडा़ था।

 प्रमुख फिल्में
वर्ष
फ़िल्म
चरित्र
टिप्पणी
तुलसी
विशेष भूमिका
राधा
गंगा
निशा ठाकुर/सिंह
कमला एस श्रीवास्तव
दीपा
सुमित्रा देवी
निशा शर्मा
सुमित्रा सुल्तान सिंह
लाली
आरती कुमार
ज़ीनत
आशा बड़जात्या चक्रवर्ती
मीनाक्षी
नज़मा
आशा
रोमा देवी
बिजली
कविता सानयाल
पूनम
बंगाली फ़िल्म
अम्मा
जोन
पार्वती
बिन्दू
केसर बाई

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नामांकन और पुरस्कार
पुरस्कार
चित्र
पात्र
वर्ष
स्थिति
टिप्पणी
·         पद्म श्री, भारत सरकार द्वारा सम्मनित नागरिक पुरस्कर, वर्ष 1985
ऊषा/ऊर्वशी दलवी
1977
जीत
अम्मा
1980
जीत
जैत रे जैत
चिंदी
1978
जीत
मराठी चित्र
ऊषा/ऊर्वशी दलवी
1978
नामित
उंबरठा
सुलभा महाजन
1981
जीत
मराठी चित्र
अम्मा
1982
जीत
नजमा
1983
नामित
रजनी देश्मुख
1978
नामित
कविता सान्याल
1984
नामित
ज़ीनत
1984
नामित