Saturday 3 November 2018

दैनिक पूर्वोदय में प्रकाशित विज्ञापन : संरचना व स्वरूप

तोको यानी
प्रयोजनमूलक हिंदी (डिप्लोमा), 
पूर्व-छात्र
(मार्गदर्शन : डाॅ. राजीव रंजन प्रसाद)
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(अध्ययन-विश्लेषण)

          वर्तमान समय में विज्ञापन एक प्रमुख व्यवसाय का रूप धारण कर चुका है। यह उभार हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है। आज लोगों के जीवन में विज्ञापन की भूमिका अहम है। विज्ञापन जिसका मुख्य लक्ष्य/कार्य वस्तुओं की बिक्री में सहायता करना है। इसके अतिरिक्त जनसमूह तक सम्बन्धित सूचना, संदेश, जानकारी, विचार आदि को पहुँचाना है; अपने उद्देश्य में सफल है। विज्ञापन का निर्माण कलात्मक और रचनात्मक ढंग से होना जरूरी है। इस कारण विज्ञापन के अपील और प्रभाव में इज़ाफा होता है। विज्ञापनदाता हरसंभव प्रयास करते हैं कि उनके द्वारा प्रस्तुत विज्ञापन लोक-अभिरुचि एवं पसन्द का हो। इसके लिए विज्ञापक में सृजनात्मक शक्ति का होना आवश्यक है। 
  समाचार-पत्र का जनसंचार माध्यमों में महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस माध्यम में विज्ञापनों की उपस्थिति सर्वाधिक है; क्योंकि यहाँ हर तरह के विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं जिन्हें प्रकृति, रंग, भाषा, आकार इत्यादि के आधार पर अलग-अलग पहचाना जा सकता है। 
         जनसाधारण तक पहुँच के मामले में हिंदी सबसे आगे हैं। उत्तर-पूर्व के राज्यों में हिंदी भाषा स्वेच्छा से बोली-समझी जाती है। यही नहीं यहाँ के लोग हिंदी लिखने-पढ़ने में भी दक्ष एवं कुशल हैं। असम का गुवाहाटी मुख्य केन्द्र है जहाँ से कई समाचार-पत्र प्रकाशित किए जाते हैं। जैसे-दैनिक पूर्वोदय, सेंटिनल, पूर्वांचल प्रहरी, प्रातःख़बर इत्यादि। इनमें ‘दैनिक पूर्वोदय’ समाचार-पत्र एक लोकप्रिय हिंद समाचार-पत्र है। इस समाचार-पत्र में पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा देश के विभिन्न राज्यों से जुड़ी ख़बरें भी प्रकाशित की जाती हैं। इस पत्र का गुवाहाटी सहित जोरहाट संस्करण भी निकलता है। इसका प्रसार गुवाहाटी के निकटतम सभी राज्यों तक है। 

(जारी...)

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