बुधवार को गूगल ने 'डूडल' बनाकर कथक क्वीन सितारा देवी के 97वें जन्मदिवस पर उनको सम्मान दिया है। कथक नृत्यांगना के रूप में जानी जाने वाली सितारा देवी किसी परिचय की मोहताज नहीं है। उन्होंने सफलता का जो शिखर हासिल किया था, वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया। बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि महज 16 साल की उम्र में उनका नृत्य देखकर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें 'कथक क्वीन' के खिताब से नवाजा था।
आज भी लोग इसी खिताब से उनका परिचय कराते हैं। इसके अलावा सितारा देवी को अपनी कला और नृत्य के प्रति उनके विशेष योगदान के लिए 'पद्मश्री' (1970) और 'कालिदास सम्मान' (1994) से भी पुरस्कृत किया गया, जो कथक के प्रति उनकी सच्ची लगन और मेहनत को दर्शाता हैं।
खास बात यह है कि बॉलीवुड की फेमस अभिनेत्री रेखा, मधुबाला, माला सिन्हा और काजोल जैसी एक्ट्रेस को कथक क्वीन सितारा देवी ने ही डांस का गुर सीखाया था।
उनका जन्म 8 नवंबर, 1920 को कोलकाता में हुआ था। बताया जाता है कि जन्म के कुछ दिनों बाद उनके मां-बाप ने उन्हें नौकरानी को दे दिया था, क्योंकि उनका मुंह थोड़ा टेढ़ा था। जिसके बाद नौकरानी ने बचपन में सितारा देवी की खूब सेवा करके उनका मुंह ठीक कर वापस उनके माता-पिता को लौटा दिया। इनके घर में लोग इन्हें धनतेरस को पैदा होने की वजह से धन्नो कहकर बुलाते थे।
मशहूर कथक नृत्यांगना सितारा देवी का लंबी बीमारी के बाद 25 नवंबर, 2014 को शहर के जसलोक अस्पताल में निधन हो गया। उस समय उनकी उम्र 94 वर्ष थी।
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