navbharattimes.com से साभार |
आज दिन निकल गया
आज की सैलरी आई
मेरे हिस्से में।
विद्यार्थी कान के साथ आते हैं
और आँख को शुक्रिया अदा कर लौटते हैं
आने-जाने के बीच होती है
उनकी मुकम्मल पढ़ाई।
मैं पढ़ाता हूँ
वे लिखित जवाब की फ़रमाइश करते हैं
उन्हें सवालों से जूझना नहीं
जवाब लिखना पसंद है।
मैं यूनिवर्सिटी में हूँ
या किसी भूलभुलैये में
जब भी सोचता हूँ, चकराता हूँ।
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