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दैनिक भास्कर समूह के चेयरमैन रमेश चंद्र अग्रवाल का बुधवार को निधन हो गया है। वे 73 साल के थे। उनके निधन से पूरे भास्कर परिवार में शोक की लहर व्याप्त हो गई है। वे 10 दिसबंर 2005 से डीबी कॉर्प के बोर्ड में शामिल थे। उन्हें प्रकाशन और अखबार के कारोबार का बेहद लंबा अनुभव था। वे भोपाल यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट थे। वे मध्य प्रदेश में FICCI (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry) के चेयरमैन भी रह चुके हैं। उन्हें साल 2003, 2006 और 2007 में इंडिया टुडे मैगजीन द्वारा 50 सबसे शक्तिशाली बिजनेस घरानों की सूची में शामिल किया जा चुका है। साल 2012 में तो वे प्रतिष्ठित मैगजीन ‘फोर्ब्स’ द्वारा जारी भारत के सबसे अमीर लोगों की सूची में 95वें स्थान पर थे। उनके तीनों बेटे गिरीश अग्रवाल, सुधीर अग्रवाल और पवन अग्रवाल उनके बिजनेस में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
30 नवंबर 1944 को उत्तर प्रदेश के झांसी में जन्मे रमेश चंद्र अग्रवाल 1956 में पिता सेठ द्वारकाप्रसाद अग्रवाल के साथ भोपाल आ गए।उन्होंने 1958 में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से दैनिक भास्कर की नींव रखी। 1983 में इंदौर संस्करण की शुरुआत की। 1996 में भास्कर पहली बार मध्य प्रदेश से बाहर निकला और राजस्थान पहुंचा। उनके विजन और स्पष्ट लक्ष्य का ही नतीजा है कि आज भास्कर 14 राज्यों में 62 संस्करण के साथ न सिर्फ देश का अग्रणी अखबार है, बल्कि सर्कुलेशन के मामले में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा अखबार बन गया है। उन्हीं के ही नेतृत्व में समूह ने हिंदी अखबार दैनिक भास्कर, गुजराती अखबार दिव्य भास्कर, अंग्रेजी अखबार डीएनए, मराठी समाचार पत्र दिव्य मराठी, रेडियो चैनल माय एफएम और डीबी डिजिटल को मीडिया जगत में सबसे अग्रणी बनाया।
उन्हें पत्रकारिता में राजीव गांधी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका था।
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